इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) , आगरा से जुड़े चिकित्स्कों ने 31 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है और इसी वजह से डॉक्टरों ने अपने निजी क्लिनिक और अस्पताल बंद कर दिए हैं |आखिर मामला क्या है आइये जानते हैं –
क्या है पूरा मामला –
पश्चिमपुरी, सिकंदरा निवासी यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर अविनाश सिंह सुबह अपने घर से सिकंदरा सिकंदरा स्थित हॉस्पिटल अपनी
कार से जा रहे थे , कारगिल तिराहे के पास पहुँचने पर उनकी गाडी उनसे आगे चल रही एक कार से टकरा गयी |
उक्त कार में मथुरा में तैनात पुलिस इंस्पेक्टर की पत्नी जा रहीं थीं | बताया जा रहा है वह फ़िरोज़ाबाद स्थित एक कॉलेज में
शिक्षिका हैं | इस बात पर विवाद बढ़ता चला गया|
डॉक्टर अविनाश का कहना है की महिला ने तुरंत अपने पति को फ़ोन किया (ऐसा बताया गया की जो पहले सिकंदरा आगरा
स्थित थाने में रह चुके हैं) उसके बाद उनके पति ने थाना सिकंदरा में फ़ोन कर कार्यवाही की बात कही | जिसके बाद
थाना सिकंदरा पर डॉ. अविनाश की कार पुलिस ने रोक ली। थाने के पास रोकने के बाद उन्हें थप्पड़ा मारा गया और हवालात
में बंद कर दिया गया, आईएमए के पदाधिकारियों के पहुंचने के बाद उन्हें छोड़ा गया |
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IMA,आगरा ने क्या बताया –
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के अध्यक्ष डॉक्टर अनूप दीक्षित ने बताया डॉ. अविनाश सिंह को थप्पड़ मारने और हवालात
में बंद करने के आरोपी पुलिसकर्मियों को शुक्रवार शाम चार बजे तक निलंबित करने की मांग की गई थी| दोपहर 2 बजे
IMA भवन पर बैठक भी हुई| थाना सिकंदरा के पुलिस इंस्पेक्टर भी वह पहुंचे उन्होंने अपनी बात रखते हुए थाने की तरफ से
माफ़ी मांगी लेकिन IMA इससे संतुष्ट नहीं है | आगे उन्होंने बताया कि अगर शाम चार बजे तक आरोपित पुलिसकर्मियों को
निलंबित नहीं किया गया तो IMA आगरा के डॉक्टर्स अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर देंगे , निजी क्लिनिक और
अस्पतालों पर मरीजों को देखना बंद कर दिया जाएगा
IMA,आगरा कि क्या मांग है –
IMA के डॉक्टरों ने मांग कि है कि
- जिस महिला के कारण ये घटना हुई है वो कहाँ है थाने में दोनों पक्षों को क्यों नहीं बिठाया गया
- जिन पुलिस कर्मियों ने डॉक्टर अविनाश से मारपीट की उन पर क्या कार्यवाही होगी
इंस्पेक्टर सिकंदरा और ACP आदित्य ने भी डॉक्टरों से बात की और समझाने की कोशिश की लेकिन डॉक्टर अपनी मांग पर अड़े रहे
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन आगरा के सचिव डॉक्टर रजनीश मिश्रा ने कहा की लगभग दो हजार डॉक्टर हड़ताल पर रहेंगे , कोई इमर्जेन्सी केस नहीं देखा जाएगा नहीं कोई ओपीडी की जायेगी हालांकि सरकारी हॉस्पिटल खुले रहेंगे |
अब आगे क्या –
या तो पुलिस प्रशासन डॉक्टरों की बात माने नहीं तो इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की हड़ताल अन्य जिलों तक भी पहुँच सकती है
प्रसाशन को चाहिए की जो भी दोषी हो उसे सजा दी जाए और जिससे डॉक्टरों की हड़ताल ख़त्म हो और मेडिकल सुविधाएँ सुचारु हो सकें |
अब देखने वाली बात होगी की 01 फरबरी को पुलिस क्या एक्शन लेगी और हड़ताल कब तक जारी रहेगी |
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