योग गुरु बाबा रामदेव, आचार्य बालकृष्ण, और पतंजलि आयुर्वेद पर आरोप है कि उन्होंने अपने उत्पादों के बारे में भ्रामक विज्ञापन दिए, जिनमें मधुमेह और कोविड-19 जैसी बीमारियों के इलाज का दावा किया गया। ये दावे ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954 का उल्लंघन करते हैं। कोर्ट ने उनके उपस्थित न होने पर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।

क्या है मामला –
योग गुरु बाबा रामदेव और उनके पतंजलि साम्राज्य को एक बार फिर कानूनी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, इस बार केरल में पलक्कड़ के न्यायिक प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट II ने बाबा रामदेव, आचार्य बालकृष्ण और दिव्य फार्मेसी ,जो पतंजलि आयुर्वेद की विपणन शाखा है ,के खिलाफ 16 जनवरी को अदालत में उपस्थित न होने पर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया। यह केरल में इस त्रयी के खिलाफ जारी किया गया पहला ऐसा वारंट है और ब्रांड के भ्रामक विज्ञापन दावों के खिलाफ चल रही कानूनी लड़ाइयों में एक महत्वपूर्ण कदम है।
अक्टूबर 2024 में दर्ज इस मामले में पतंजलि पर बिना प्रमाण के स्वास्थ्य उत्पादों को बढ़ावा देने का आरोप है। उनके उत्पादों के विज्ञापनों में उच्च रक्तचाप और मधुमेह के इलाज का दावा किया गया था, जो ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954 का उल्लंघन है। अदालत के समन के बावजूद, आरोपी जनवरी की सुनवाई में उपस्थित नहीं हुए, जिससे अदालत ने वारंट जारी किया। अब यह मामला 1 फरवरी के लिए निर्धारित है।
केरल की अदालत का यह निर्णय 15 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए एक सख्त संदेश के बाद आया है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को चेतावनी दी थी कि यदि वे भ्रामक चिकित्सा दावों को बढ़ावा देने वाले व्यक्तियों और कंपनियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही में ढिलाई बरतते हैं, तो उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाएगी। न्यायमूर्ति अभय ओका और उज्जल भुइयां ने ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज एक्ट, ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, और उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम जैसे कानूनों के प्रवर्तन के महत्व पर जोर देते हुए भ्रामक विज्ञापनों से निपटने में लापरवाही की आलोचना की।
अब आगे क्या होगा ये तो 1 फरवरी को ही पता चलेगा कि और देखना होगा किBIG BOSS WINNER SEASON 18 : बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण आगे क्या रास्ता अपनाते हैं |
सोर्स – मिडिया रिपोर्ट्स पर आधारित